अमृत योजना के काम में गड़बड़ी, ठेकेदार से मिलीभगत के आरोप में चीफ इंजीनियर निलंबित; दर्ज होगी FIR

फरीदाबाद। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अमृत योजना के तहत अधूरे काम के बावजूद ठेकेदार को भुगतान करने के मामले में चीफ इंजीनियर बीके कर्दम को सस्पेंड कर दिया। उन्होंने एफआईआर दर्ज करने के भी आदेश दिए।
इससे पहले चीफ इंजीनियर का तबादला हिसार कर दिया गया था। निगम में शामिल गांवों में विकास कार्य न कराने के मामले में उन्हें चार्जशीट भी दी गई थी।
भुगतान होने पर भी नहीं हुआ पूरा काम
मुख्यमंत्री रविवार को सेक्टर-12 में फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस दौरान शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल, खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेश नागर समेत अन्य विधायक भी मौजूद रहे।
वर्ष 2019 में अमृत योजना के तहत 150 करोड़ रुपये की लागत से सीवरेज लाइन, जलापूर्ति और बरसाती पानी निकासी का काम शुरू हुआ था। पांच साल बाद भी ठेकेदार की ओर से काम पूरा नहीं किया गया है। जबकि नगर निगम की ओर से ठेकेदार को 80 फीसदी भुगतान किया जा चुका है।
कई स्थानों पर सीवर लाइन अधूरी
निगम सूत्रों के अनुसार, ठेकेदार ने कई स्थानों पर सीवर लाइन अधूरी छोड़ दी है। उसे मुख्य लाइन से नहीं जोड़ा गया है। इसके साथ ही सीवर लाइन को एसटीपी लाइन से जोड़ने का काम किया जाना था। वह काम भी अधूरा है। हालांकि, अमृत योजना के तहत होने वाले काम के लिए थर्ड पार्टी वेब कोर्स एजेंसी बनाई गई थी। एजेंसी को ही सर्वे कर पुष्टि करनी थी कि काम पूरा हुआ है या नहीं।
बताया जाता है कि एजेंसी की संस्तुति पर चीफ इंजीनियर कार्यालय की ओर से भुगतान किया गया। ऐसे में सर्वे करने वाली एजेंसी को जांच के दायरे में लाया जाना चाहिए।
ठेकेदार ने कर दिए थे हाथ खड़े
पिछले सप्ताह शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल ने अमृत योजना के कार्यों को लेकर सेक्टर-16 सर्किट हाउस में बैठक बुलाई थी। इसमें चीफ इंजीनियर बीके कर्दम, कार्यकारी इंजीनियर नितिन कादियान और बृजगोपाल कंपनी के ठेकेदार भी मौजूद थे।
बैठक में मंत्री ने लंबित सभी कार्यों को पूरा करने के आदेश दिए। जिस पर ठेकेदार ने बैठक में ही आगे काम करने से मना कर दिया। जिससे मंत्री का गुस्सा और भी बढ़ गया।