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आग में राख हुई फसलों के लिए किसानों को जल्द मिलेगा मुआवजा, घटनाओं को लेकर गंभीर हैं CM नायब सैनी

हरियाणा में खेतों में आग लगने से फसलों और पशुओं का नुकसान झेलने वाले किसानों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। प्रदेश सरकार जल्द ही प्रभावित किसानों के लिए मुआवजा जारी करेगी। इतना ही नहीं, प्रभावित किसानों को आगामी फसलों की बुवाई के लिए बीज और खाद दिलाने में मदद की जाएगी। नुकसान की भरपाई के लिए प्रभावित किसान उपायुक्तों के समक्ष आवेदन कर सकते हैं।
फसल और पशुओं को हुए नुकसान पर सीएम सैनी गंभीर
पिछले कुछ दिनों में खेतों में अचानक से आग लगने की घटनाओं में तेजी आई है। फसल जलने व पशुओं को हुए नुकसान को लेकर गंभीरता दिखाते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को उच्चाधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि प्रदेश सरकार लगातार किसानों के हित में निर्णय ले रही है।
हम हर स्थिति में किसानों के साथ खड़े हैं। प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि खेतों में आग लगने से प्रभावित सभी किसानों को शीघ्र ही मुआवजा दिया जाएगा। सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि वे आग लगने से संबंधित घटनाओं की रिपोर्ट लें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित किसान संबंधित उपायुक्तों के समक्ष आवेदन करें ताकि उन्हें जल्द मुआवजा देने की प्रक्रिया अमल में लाई जा सके।
50 से ज्यादा जगहों पर लग चुकी है आग
बता दें कि प्रदेश में बढ़ते तापमान के साथ खेतों में आग लगने की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। छह जिलों सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, कुरुक्षेत्र व कैथल में आग लगने की 50 से ज्यादा घटनाएं हुईं हैं। इसे देखते हुए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों के डीसी को अपने जिलों में अग्नि सुरक्षा तैयारियों और प्रतिक्रिया तंत्र को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

सभी उपायुक्तों को निर्देशित किया गया है कि सभी फायर टेंडर, उपकरण और अग्निशमन प्रणालियां पूरी तरह कार्यात्मक हों और चौबीसों घंटे उपलब्ध हों।
रात की शिफ्ट और छुट्टियों सहित हर समय पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित अग्निशमन कर्मी तैनात रहने चाहिए। आपातकालीन प्रतिक्रिया में चूक से बचने के लिए ड्यूटी रोस्टर को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए।
उपायुक्तों को भेजनी होगी रिपोर्ट
सभी उपायुक्तों को हर शुक्रवार को अग्नि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अपनी रिपोर्ट मुख्यालय भेजनी होगी। गांव और ब्लाक स्तर पर रेगुलर मॉनिटरिंग सिस्टम बनाने का निर्देश दिया गया है ताकि आग लगने की घटनाओं का शीघ्र पता लगाया जा सके और तुरंत रिपोर्ट की जा सके। किसानों को अग्नि सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक भी किया जाएगा।

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