सिरसा में बार-बार सड़क धंसने को लेकर सांसद सैैलजा ने सीएम को लिखा पत्र

सिरसा नगर में बार-बार सड़क धंसने को लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर दोषी ठेकेदारों और अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की हैै, उनका कहना है कि अमृत योजना में घटिया निर्माण कार्य के चलतेे ऐसा हो रहा है, ऐसे में निर्माण कार्यों की तकनीकी गुणवत्ता का ध्यान रखने के लिए संबंधित ठेकेदारों और अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाए।
कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को लिखे पत्र में कहा है कि उनके संसदीय क्षेत्र में सिरसा नगर में कई सालों से अलग-अलग जगहों पर 20-30 फुट तक सड़क धंसने की अनेक घटनाएं हो चुकी है, ज्यादातर घटनाएं रानियां रोड पर हुई हैं। इसके नजदीक ही एक और गड्ढा हो गया। यह स्थिति न केवल वाहनों के आवागमन में बाधा बन रही है, बल्कि नागरिकों के जीवन के लिए भी एक बड़ा खतरा उत्पन्न कर रही है। प्रशासन ने आवागमन बंद कर दिया है, परंतु स्थानीय जनता भय और असुविधा में जी रही है। इस घटना का मूल कारण साफ तौर पर निर्माण कार्य में लापरवाही और भ्रष्टाचार प्रतीत होता है। पहले जो भी लाइन डाली गई थी उसमें भी धांधली की गई थी, पाइस डालने से पहल कंक्रीट के बैड बनाए जाते है जिस पर पाइप रखी जाती है जिसके लिए सरकार की ओर से मापदंड निर्धारित किए गए है।
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा हैै कि चिंता की बात यह भी है कि सिरसा में चल रही अमृत योजना के अंतर्गत पाइपलाइन डालने का कार्य भी इसी प्रकार की घटिया गुणवत्ता से किया जा रहा है। पाइपलाइन के नीचे मजदूत बेडिंग (बेस लेयर) नहीं डाली जा रही, जिससे भविष्य में और भी गंभीर दुर्घटनाएं हो सकती है। इसे लेकर निष्पक्ष जांच करवाई जाए और जो भी ठेकेदार या अधिकारी दोषी है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अमृत योजना के अंतर्गत हो रहे निर्माण कार्यों की तकनीकी गुणवत्ता का ध्यान रखने के लिए संबंधित ठेकेदारों और अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए।
एक साल पहले भी में धंसी थी यह लाइन
भारी ट्राले के गुजरने के कारण आठ मार्च 2024 की सुबह करीब छह बजे रानियां बाईपास पर सड़क धंस गई थी। इसका कारण 20 फुट गहरी मुख्य सीवर लाइन का लीक होना बताया गया। आसपास के लोगों ने तुरंत फोन कर हेल्पलाइन नंबर को 112 घटना की सूचना दे दी थी। इसके बाद पुलिस ने अवरोध लगाकर दोनों ओर से बाईपास को बंद कर दिया। तब अधिकारियों को लाइन दुरुस्त करने में 20 दिन का समय लगा था। अगर कोई इंडस्ट्री सीवरेज लाइन में बिना ट्रीट किया हुआ पानी डाल रही है तो उसके खिलाफ पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड और जन स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई अमल में ला सकते है।